गिलोय का औषधीय महत्व: आयुर्वेद की अमूल्य जड़ी-बूटी के स्वास्थ्य लाभ

 गिलोय (Tinospora Cordifolia), जिसे “अमृता” या “गुडूची” भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक प्रमुख जड़ी-बूटी के रूप में प्रसिद्ध है। यह न केवल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है, बल्कि कई गंभीर रोगों के उपचार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस लेख में, हम गिलोय के औषधीय महत्व, इसके स्वास्थ्य लाभ और उपयोग के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।  

गिलोय का औषधीय महत्व: आयुर्वेद की अमूल्य जड़ी-बूटी के स्वास्थ्य लाभ 

 गिलोय क्या है?  

गिलोय एक बेलदार पौधा है, जो भारत, श्रीलंका और म्यांमार जैसे देशों में पाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, इसकी जड़, तना और पत्तियां सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो इसे एक बहुउद्देशीय औषधि बनाते हैं।  

 गिलोय के प्रमुख औषधीय गुण  

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए: गिलोय में मौजूद इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करते हैं।  

2. बुखार और डेंगू में लाभकारी: यह वायरल बुखार, डेंगू और मलेरिया में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में सहायक है।  

3. पाचन तंत्र को दुरुस्त करे: गिलोय का रस पेट की गैस, कब्ज और एसिडिटी को कम करता है।  

4. डायबिटीज नियंत्रण: यह ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मददगार है।  

5. त्वचा रोगों में असरदार: एक्जिमा, खुजली और दाद जैसी समस्याओं में गिलोय का लेप फायदेमंद है।  

 गिलोय का उपयोग कैसे करें? 

  •  गिलोय का जूस: प्रतिदिन 2-3 चम्मच जूस पानी में मिलाकर पिएं।  
  •  काढ़ा: तुलसी, काली मिर्च और गिलोय को उबालकर बनाएं।  
  • पाउडर: सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच सेवन करें।  
  • गोलियां/कैप्सूल: बाजार में उपलब्ध आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग करें।  

 गिलोय के औषधीय महत्व को समर्थन देने वाले शोध  

हाल के वर्षों में, कई वैज्ञानिक अध्ययनों ने गिलोय के गुणों की पुष्टि की है। जर्नल ऑफ एथनोफार्माकोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, गिलोय में मौजूद “बर्बेरिन” नामक यौगिक डायबिटीज के उपचार में प्रभावी है। इसी तरह, इंडियन जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी ने इसे प्राकृतिक इम्यूनो-बूस्टर माना है।  

 सावधानियां और साइड इफेक्ट्स  

  •  गिलोय का अत्यधिक सेवन पेट में जलन या लो ब्लड शुगर का कारण बन सकता है।  
  •  गर्भवती महिलाएं और ऑटोइम्यून रोग से पीड़ित लोग डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस्तेमाल करें।  

 निष्कर्ष: 

गिलोय – प्रकृति का चमत्कार गिलोय का औषधीय महत्व केवल आयुर्वेद तक सीमित नहीं है, बल्कि आधुनिक विज्ञान भी इसके गुणों को स्वीकार करता है। यह न केवल सस्ती और सुलभ है, बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का प्राकृतिक समाधान भी प्रदान करती है। गिलोय को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप प्राकृतिक रूप से स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।  

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