अभ्रक भस्म के फायदे, उपयोग और नुकसान | Abhrak Bhasma Benefits, Uses & Side Effects in Hindi

अभ्रक भस्म (Abhrak Bhasma) के फायदे जानें: सांस की तकलीफ, हृदय रोग, हड्डियों की मजबूती और इम्यूनिटी बढ़ाने में असरदार। जानिए सही खुराक, सावधानियाँ और आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह। पूरी जानकारी हिंदी में!

अभ्रक भस्म (Abhrak Bhasma) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक खनिज औषधि है, जिसे अभ्रक (माइका) को विशेष प्रक्रिया (मारण) द्वारा शुद्ध करके तैयार किया जाता है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, और कई पुराने रोगों के उपचार में उपयोगी मानी जाती है। इसके प्रमुख लाभ और उपयोग निम्नलिखित हैं:


1. श्वसन तंत्र को मजबूत करना

  • दमा (Asthma), खांसी, कफ, और सांस की तकलीफ जैसी समस्याओं में राहत देती है।
  • फेफड़ों की कमजोरी और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) में लाभदायक।

2. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा

  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को मजबूत करने में सहायक।
  • बार-बार होने वाले संक्रमण (जैसे सर्दी-जुकाम) से बचाव।

3. हृदय स्वास्थ्य के लिए

  • हृदय की मांसपेशियों को पोषण देकर उन्हें मजबूत बनाती है।
  • हाई ब्लड प्रेशर और धमनियों में ब्लॉकेज के जोखिम को कम करने में सहायक।

4. हड्डियों और जोड़ों के लिए

  • कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे खनिजों से भरपूर, जो हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी हैं।
  • ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) और जोड़ों के दर्द में उपयोगी।

5. ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाना

  • शारीरिक कमजोरी, थकान, और एनीमिया में लाभदायक।
  • खासतौर पर वृद्धावस्था में होने वाली दुर्बलता को दूर करने में सहायक।

6. त्वचा रोगों में उपयोगी

  • खुजली, एक्जिमा, और पुराने चर्म रोगों में रक्त शुद्धिकरण करके लाभ पहुंचाती है।

7. पुराने बुखार और टीबी (Tuberculosis) में

  • क्षय रोग (TB) और लंबे समय तक रहने वाले बुखार के उपचार में सहायक।

मुख्य घटक और गुण:

  • अभ्रक भस्म में आयरन, मैग्नीशियम, सिलिका, और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
  • यह रसायन (Rejuvenator) की श्रेणी में आती है, जो शरीर को पुनर्जीवित करने का काम करती है।

सेवन विधि और मात्रा:

  • अनुपान (साथ में लेने वाला माध्यम): शहद, घी, या आयुर्वेदिक काढ़े (जैसे अश्वगंधा, गिलोय) के साथ।
  • मात्रा: 125-250 mg (प्रतिदिन 1-2 बार), लेकिन यह रोगी की प्रकृति और चिकित्सक की सलाह पर निर्भर करता है।

सावधानियाँ और साइड इफेक्ट्स:

  1. गुणवत्ता महत्वपूर्ण: अशुद्ध या गलत तरीके से तैयार अभ्रक भस्म हानिकारक हो सकती है। केवल विश्वसनीय ब्रांड्स से ही खरीदें।
  2. अधिक मात्रा नुकसानदायक: ज्यादा सेवन से पेट में जलन, कब्ज, या लीवर पर दबाव हो सकता है।
  3. गर्भावस्था और स्तनपान: इस दौरान सेवन न करें।
  4. दवाओं के साथ इंटरेक्शन: अगर आप कोई एलोपैथिक दवा ले रहे हैं, तो चिकित्सक से सलाह लें।

आयुर्वेदिक संयोजन:

अभ्रक भस्म को अक्सर अन्य आयुर्वेदिक औषधियों जैसे स्वर्ण भस्म, अश्वगंधा, या गुडूची के साथ मिलाकर प्रयोग किया जाता है, ताकि इसका प्रभाव बढ़ सके।


नोट: अभ्रक भस्म एक पारंपरिक औषधि है, जिसे आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में ही लेना चाहिए। शरीर की प्रकृति (दोष), रोग की गंभीरता, और उम्र के अनुसार खुराक निर्धारित की जाती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top